होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥२१॥ सब सुख लहै तुह्मारी सरना । मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु । और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेई सर्व सुख करई॥ अंजनीगर्भ संभूत कपीन्द्र सचिवोत्तम । These text or beej mantras are https://studio-directory.com/listings13212263/hanuman-mantra-no-further-a-mystery